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Showing posts from 2012

Kalyug ka Mahadev, Balasaheb

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इंसान की रूप मे कलयुग का महादेव है बालासाहेब , इस युग से विराम लिए अगले युग मे आएँगे बालासाहेब , एक नये रूपमे, हर युग मे आएँगे बालासाहेब , जिनकी उंगली की नोक पे तलवार की धार , हर बोली मे है जिनकी शेर की दहाड़ , अंत नहीं हुआ उनका बस इस युग से विराम लिए , कलयुग का महादेव है बालासाहेब मानव की मृत्यु होती है , महा मानव की नहीं , भगवान मंदिर , मशजीद हर जगह स्थान लेते है , महा मानव इतिहास बना जाते है , हर इंसान की दिल मे स्थान बना जाते है . महा मानव की रूप मे , कलयुग का महादेव है बालासाहेब , सुनसान हुय हर राह , हर मंज़र , जब बंद हुई उनकी आँखे , थम गयी हवा , स्तब्ध हो गया हिन्दुस्तान , जब बंद हुई थोड़ी देर उनकी सांसे , वक़्त ही थम गया , जब लिए विराम इस युगसे , कलयुग का महादेव है बालासाहेब .

Dhoond

Is not only a simple poem, it’s a thought given by my Grandmother, ढूंड, ढूंड, तुझे सुबह मिलेगी, सूरज नहीं! ढूंड, रोशनी मिलेगी तुझको, किरणें नहीं!!   सागर के किनारे लहरे मिलेगी,               सागर की गहराई नहीं. जिंदगी मिली तुझको, जिंदगी की समझ नहीं. खेल कूदके तुझे शरारती बचपन मिली,             ठहरी नहीं, मिली जवानी भी नही ठहरेगी. ना ठहरा है वक़्त, ना ठहरेगी वक़्त की लाड़िया.            गुज़र जाएगी, साथ ही जीवन की ये घड़िया. बुढ़ापा नज़ाने कब मौत के दरवाजे पे दस्तक देगा! ढूंड, ढूंड, सबकुछ मिलेगी तुझको,                  असलमे कुछ नहीं. धन, दौलत, सोहरत और मुस्कुराते मुहरत,                  साथ ना रहेगी. जब ना रहेगी दो बूँद आंशु,        ...

Ramesh, apna canteen boy,

Ramesh, apna canteen boy, sabko khilata hai, shayad khud bhi khaata hoga, ramesh ho ya ganesh, suresh? Ritesh? Dharmesh? aadmi bhookha thodi hi rehsakta hai? Ramesh, apna canteen boy, har kisi se poochta hai, aaj kya khilaoon, magar koi ushe nahi poochta, tune kya khaya. lunch, time pe nahi pahuncha to hi kehte hai, ye khana tu khaa.!! Koi bhi waqt bewaqt call karke kehta hai, chaai laa, kabhi sandwich laa... jaldi mein kabhi ramesh cup toodta hai, kabhi sandwich jalata hai.. uski bhi masti kam nahin, wo jaanboojhke late aata hai. Ramesh, apna canteen boy. south ka ek villian 'Spot Nana' jaise dikhta hai, khudko hero kehta hai, sallu ka attitude rakhta hai, ringtone aisa mobile main change karta hai, jaise kisike ishq me dooba hua ho! Ramesh, apna canteen boy. ladko se jyada, ladkiyon me interest rakhta hai, kisi se nahin darta hai, kisi ka nahin sunta hai. par sinha sir ka naam sunte hi, patli gali se rasta naapta hai..!!! 777

Hawk कहलाते हैं हम

I belongs to Orissa, a state is popular for Jagannath Temple in Puri and Surya Mandir, Konark in Bhubaneshwar and many more, I came to Mumbai to earn some thing which I desire & deserve, so for food & shelter I became a Hawk of ProjectsToday.  खुले आसमान मे उड़ते है हम.         Hawk कहलाते हैं हम! नज़रें  हैं  तेज  हमारी,       हवा  से भी तेज़  उड़ते  हैं  हम.            Hawk कहलाते हैं हम!! तित्लिओ के पंख भी आसमान  छूने की ख्वाब देखे.        हर रोज़ एक नया ख्वाब पूरा करते हैं हम.              Hawk कहलाते हैं हम!!! आँधी  आए  या  आए  तूफान,         हो  दिन  हो  या रात.             हो  मुश्किलों का  सामना.,         वक़्त  के  साथ  साथ  उड़ते  हैं  हम. ...

Galati nahin gunha humne kiya jo jindegise mohabbat humne kiya...

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Life and success is like a greasy pole. Just when you think you have made the top perch all your own, you would be confused about your place. ग़लती नहीं गुनाह हम ने किया,              जो जिन्दगी से मोहब्बत हम ने किया. किशमत ने दी ठोकर तो चोट सर पे या बदन पे नहीं,              सीधे दिल पे लगी, घायल दिल को Ambulance मिला कोई अपने का सहारा नही,           Hospital मे एक बेड मिला, कोई खूबसूरत Nurse नहीं, दोश्तो से कैसी शिकायत,           कोई नौकरी, कोई छोकरी के पीछे भगा, मुझे तो अपने साए का भी साथ ना मिला,           जब अंधेरी काली घटा छाया. मेरे हर छ्के को Umpire ने एक उंगली से इशारा किया,           मैं एक अच्छा खिलाड़ी हो के भी, एक्सट्रा प्लेयर मैं गिना गया. बस ख्वाब और ख्वाहिशे ही है,          जो अबतक होशला दिल मे बनाए रखा.             ...

बेनाम कवि

एक बेनाम कवि हूँ मैं, किसी के चाहत का दीवाना हूँ मैं. वक़्त का मोहताज़ हूँ में. में भावनाओं से सबध जोड़ता हूँ. ख्यालों से वाक्य रचता हूँ. एक बेनाम कवि हूँ मैं, 777