अपनी दर्द की दास्तान मैं किसको सुनाती ? मैं खुद रो भी नहीं पति थी. मैं कितना चीखती, कितना चिल्लती रही.. मेरी चीख किसी ने भी ना सुनी. ना वो काली रात ने सुनी, जिसके सहारे मैं अपने पलकों मे ख्वाब संजोए सोती थी, ना वो सूनी सड़कों ने सुनी, जिसको मैं अपना मंज़िल समझके चलती थी. कोई भी ना था वहाँ, जो मुझे सहारा देता, जो भी थे वो मेरे बदन को नोच नोच के मुझे दर्द देते रहे, दर्द के साइवा कुछ भी नहीं था मेरे पास, अपनी दर्द की दास्तान मैं किसको सुनाती ? वो पल भी कितने बदनशीब थे मेरे संग संग, संग मेरे चलपडे, चलते चलते उसी आशियाने मे पनाह लिए, जहाँ भेड़िए इंशान की रूप मे रहते थे, हमे उनकी हवस का शिकार बनना पड़ा, मेरी बेबस जिंदेगी को उनके सहारे छोड़ना पड़ा. मेरी मजबूरी पे उनको थ...
On this special day of your life. i want to say something, i cant stop myself from saying, that i love you, love you a lot, i cant say, because you hate the word love. some time when you say, you will take care of me, i became crazy and run over the stairs, up and down, up and down, i dare to express my words, but i fear not to lose you again. one day, on a special day, before the night, on a full moon bright, i will express my thought, that i love you a lot, love you a lot, that would be a special day of my life. #love #emotions #life 777
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